Institute of Vedic Astrology Indore Reviews the Dhanteras Puja Process

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Institute of Vedic Astrology Indore Reviews the puja process to be done this Deepawali. Diwali is a special festival celebrated in Hindu community. The process is written in Hindi.

इस बार धनतेरस के दिन उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र रहेगा जिसके स्वामी सूर्य भगवान् है | सूर्य भगवान् साक्षात देवता है तथा हमारे जीवन में अच्छे स्वास्थ्य, तेज, सोच तथा आत्मा के कारक है | धनतेरस के दिन सूर्य भगवान् की आराधना से विशेष फल की प्राप्ति होगी | धनतेरसके दिन भगवान् धन्वन्तरी (आयुर्वेद के देवता – अच्छेस्वास्थ्यके कारक / भगवान् विष्णु के अवतार) की भी पूजा करना अच्छे स्वस्थ्य के लिए शुभ कारक है |

पूजा: सुबह: सुबहस्नान करने के बाद सूर्य नारायण भगवान् को जल से अर्घ्य दे | जल चडाते हुए सूर्य भगवान् के १२ नामो (१२ नाम न पता हो तो ॐ घ्रणी सूर्याय नमःमंत्र का १२ या अधिक बार जाप करे)का स्मरण करे | जल में रोली, चावल, लाल या कनेर का फुल तथा सहकार या गुड डाले | ताम्बे के कलश का उपयोग करे | चड़ा हुआ जल पैरो में नहीं आना चाहिए | जल चडाने के बाद, मध्यमा औरअनामिका अंगुली से जल कोदोनों नेत्रों में लगाये | घडी की दिशा में घूम कर सूर्य भगवान् की एक परिक्रमा करे | जिन लोगो को सूर्य नमस्कार आता हो वे सूर्य नमस्कार भीकरे(२ बार) |

पूजा : शाम : भगवान् धन्वन्तरी इनका प्रिय धातु पीतल माना जाता है। इसीलिये धनतेरस को पीतल खरीदना शुभ होता है ।  पीतल के कलश में आम के पत्ते रखे, गंगा जल भरे, गोटा हल्दी रखे तथा नारियल रखे | इसमें यमुना जी का आह्व्हन करे | इसमें भगवान् धन्वन्तरी का भी आह्व्हन करे | इसमें गोटा हल्दी डाले| इसमेंसंजीवनी मंत्र का ११०० बार या अधिक जाप करे | इस जल को सभीको पीने के लिए दे | गोटा हल्दी को पीस करभोजन में उपयोग करे |

संजीवनी मंत्र :

ॐ हौं जूंसःभूर्भुवःस्वःॐत्र्यम्बकं यजामहेसुगंधिमपुष्टिवर्धनंउर्वारुकमिवबन्धनानमृत्योरमोक्षीय माम्रतात स्वःजूंसः हौं ||

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